सोशल मीडिया हमारे जीवन का अहम हिस्सा है। सूचनाओं के प्रसार ने आज विश्व को एक गाँव की शक्ल में ढ़ाल दिया है। आज हम एक दूसरे के बारे में आसानी से जान सकते हैं। ज्ञान हमारे जीवन के लिए वरदान है। पर क्या सूचनाओं के संग्रह को ही ज्ञान कहा जा सकता है? ज्ञान का संबंध चेतना से भी जुड़ा हुआ है। जो हमारे आत्म-ज्ञान पे निर्भर करता है। पूरी दुनिया को जान लेना किसी के बस की बात नहीं है। जानने का प्रयास करना भी एक तरह की बेचैनी पैदा करता है। कोविड संकट की मिलने वाली पल पल की जानकारी ने दुखों का पहाड़ खड़ा कर दिया। ऐसा दुख जिसे दूर करने के लिए हमारा संघर्ष पिछले 14-15 महीने से चलता आ रहा है। पर ऐसे समय में मानव के सकारात्मक पहलू भी खुल कर सामने आये हैं। मानव ने अपने आत्म-बल एवं सहयोग से एक-दूसरे के जीवन में आये दुख को बांटने का काम किया है। गरीबों एवं वंचितों के लिए रोटी और कपड़े जुटाए हैं। बीमारी से ठीक हुए लोग ने प्लाज्मा देकर अनेकों जीवन बचाए हैं।
सकारात्मक पक्ष को अक्सर हम नजरअंदाज कर नकारत्मक पक्ष पे मनन एवं चिंतन करते हैं, और इस प्रकार नकारात्मकता को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। हमारा जीवन हमारे विचारों से बना है। हमारे कृत्यों को हमारे विचार ही दिशा देते हैं। सुबह से डरा हुआ व्यक्ति डराने वाली घटनाओं की अपेक्षा रखता है। और सकारात्मक पक्ष की अनदेखी करता है। ऐसे में भला जीवन में दुख के सिवा और क्या मिल सकता है?
मानवता अपने मन में ये विचार पैदा करे कि दुनिया की कोई भी बीमारी मानवता के मस्तिष्क का मुकाबला नहीं कर सकती। आत्मबल से हम हर चुनौती को हरा सकते हैं। इससे पहले हमने मानव एवं अन्य जीवों पे होने वाली कई त्रासदियां झेली है एवं विजयी हुए हैं। इस चुनौती से जीतना सिर्फ मानव के बस में ही है। मानव प्रकृति का सबसे अनूठा प्राणी है, जो अपने विचारों से इस दुनिया को स्वर्ग की परिकल्पनाओं में तब्दील कर सकता है। पर ऐसे विचारशील व्यक्ति को हम स्वप्नदर्शी समझ नकार देते हैं। सपने देखने वाले व्यक्ति अनूठे होते हैं। सपनों को साकार तभी किया जा सकता है जब हमारे पास सपना हो। लोगों ने सपने देखना बंद कर दिया है। निराशा का अंधकार ने मानव के विचार को गलत दिशा में मोड़ दिया है। आज वैश्विक स्तर पर हमें ऐसे नेताओं की जरूरत है जो विश्वास पैदा कर सके कि बिना मास्क का साधारण सा जीवन हम पुनः प्राप्त कर सकते हैं। लोग एक दूसरे का हाथ फ़िर से पकड़ चल सकते हैं, एवं गले मिल सकते हैं। इसके लिए हमें सकारात्मक विचार एवं व्यवहार से दोस्ती करनी होगी।
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