पढ़ता हूँ हर एक दिन एक ही पन्ना,
हर दिन हज़ार ये मालूम पड़ते हैं।
जबसे होश संभाला है एक ही पन्ना सवांरते आया हूँ,
लोग इसे ज़िन्दगी कहते हैं।
इसपे लिखे हर एक लब्ज़ जो मेरे मालूम पड़ते हैं,
ना जाने कितने जुबां पे चढ़े होंगे।
आज हम भी कुछ पल के लिए ही सही इसके सारथी हैं,
जाने से पहले कुछ रंग मेरा भी इसपे चढ़ जाए,
बस इसीलिए एक ही पन्ना बार बार पलटता रहता हूँ।
हर कोई अनजाने किताब की तलाश में बाहर निकलता है,
जिसका हर एक पन्ना वो ख़ुद है।
जब ख़ुद के रंग को समझ ही ना पाया,
तो भला इंद्रधनुषी किताब के क्या मायने हैं?
अस्तित्व में ना जाने कितने पन्ने बिखरे पड़े हैं,
बस एक से ही अवगत हो जाऊँ,
उसके हर एक शब्द को चुनता जाऊँ,
कुछ पल के लिये सही,
पिरोता जाऊँ एक माला ज़िन्दगी का।
हर दिन हज़ार ये मालूम पड़ते हैं।
जबसे होश संभाला है एक ही पन्ना सवांरते आया हूँ,
लोग इसे ज़िन्दगी कहते हैं।
इसपे लिखे हर एक लब्ज़ जो मेरे मालूम पड़ते हैं,
ना जाने कितने जुबां पे चढ़े होंगे।
आज हम भी कुछ पल के लिए ही सही इसके सारथी हैं,
जाने से पहले कुछ रंग मेरा भी इसपे चढ़ जाए,
बस इसीलिए एक ही पन्ना बार बार पलटता रहता हूँ।
हर कोई अनजाने किताब की तलाश में बाहर निकलता है,
जिसका हर एक पन्ना वो ख़ुद है।
जब ख़ुद के रंग को समझ ही ना पाया,
तो भला इंद्रधनुषी किताब के क्या मायने हैं?
अस्तित्व में ना जाने कितने पन्ने बिखरे पड़े हैं,
बस एक से ही अवगत हो जाऊँ,
उसके हर एक शब्द को चुनता जाऊँ,
कुछ पल के लिये सही,
पिरोता जाऊँ एक माला ज़िन्दगी का।
Very nice Sir
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